(बीएम राठौर).
Kanwas News/सांगोद. ऐतिहासिक पांच दिवसीय लोकोत्सव न्हाण की रंगत यहां 16 मार्च को निकली न्हाण अखाडा चौधरी पाडा के बारह भाले की सवारी के साथ हो गई थी। 17 मार्च को बादशाह की सवारी के साथ चौधरी पाडे का न्हाण संपन्न हुआ,18 मार्च पडत के दिन यहां किसी तरह की कोई सवारी नहीं निकली। पांच दिवसीय न्हाण की कडी में 19 मार्च को दूसरे पक्ष न्हाण अखाडा चौबे पाडे की वापस बारह भाले की सवारी मुख्य मार्गो पर सांस्कृतिक करतबों के जलवे को बिखरेते हुए निकलेगी। बारह भाले की सवारी को देखने के लिए सांगोद नगर के अलावा,कोटा,बूंदी,बारां,झालावाड व प्रदेश के कई शहरों से लोग यहां आते है। न्हाण महोत्सव को देखते हुए सांगोद नगर को आकर्षक तरीके से सजाया गया है,जगह जगह स्वागत द्वार व फ़लेक्स लगाए गए है। नगर में बडे महोत्सव को यादगार बनाने के साक्षी बनते दिखाई दे रहे है। यहां दिनभर सडकों पर सन्नाटा पसरा रहा, 19 मार्च को वापस यहां न्हाण की रंगत जमना शुरू होगी जो 20 मार्च को बादशाह की सवारी के बाद समाप्त हो जाएंगी तथा न्हाण 2025 का समापन होगा। सांगा पटेल की याद में विशेष पूजा अर्चना व निकला जुलूस चौबे पाडा के न्हाण में चाचा बोहरा का किरदार निभाने वाले रामेश्वर सेन बताते है कि सांगोद नगर को सांगा पटेल ने बसाया था,यहां सांगा पटेल व मीणा जाति के लोगों के बीच संघर्ष छीडने की पौराणिक गाथा इतिहास में पढने पर मिलती है,युद्व में सांगा पटेल का सिर व धड अलग हो गए थे,सांगा पटेल के नाम पर ही इस नगर का नामकरण सांगोद हुआ। आज भी सांगोद में सांगा पाडा व उनका मंदिर यहां बना हुआ है।