Kanwas News/कोटा. सांगोद ब्लॉक के ग्राम पंचायत कुराड़ में इन दिनों स्वच्छता अभियान की खुलेआम धज्जियां उड़ रही है। गांव में चारों तरफ गंदगी का आलम है दिखाई दे रहा है। ग्राम पंचायत अधिकारी को इसकी जानकारी दी गई,लेकिन ग्राम पंचायत अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव की सड़कें गंदगी से भरी पड़ी हुई है। जिसकी वजह से गांव के लोगो को गंभीर बीमारी से संक्रमित होने का खतरा बना रहता हैं। गांव में माह में एक बार भी सफाई नही होती है,जिसकी वजह से गांव में आने जाने वाले लोगो को परेशानियों का सामना करना पड़ता है,गंदगी से भरी पड़ी नालियां लोगों के लिए मुसीबत बन रही हैं,लोगों को आने जाने में मल-मूत्र से भरे कीचड़ से गुजरना पड़ रहा है। वहीं छोटे मासूम बच्चे घरों से बाहर निकलने के लिए भी तरसते नजर आ रहे हैं। भले ही स्वच्छता अभियान देश मे सफल हो रहा हो और स्वच्छता अभियान के तहत देश स्वच्छता की ओर बढ़ रहा हो लेकिन कुराड़ गांव का नजारा देख ऐसा लगता है कि स्वच्छता अभियान सिर्फ कागजों पर ही सफल हो रहा है, बल्कि जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है।ग्रामीणों ने कहा कि हमने स्वच्छता अभियान की बातें तो बड़ी बड़ी सुनी है लेकिन हमारे गांव में आज तक ना तो सही से गांव की नालियों की सफाई की गई,ना ही कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया गया जिसकी वजह से लगातार गांव में मच्छरों का प्रकोप भी जारी रहता है और छोटे-बड़े,बच्चे-जवान संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं।
इनका कहना-
ग्रामीणों द्वारा अवगत करवाने पर अधिकारी का उल्टा जवाब- जब गांव की सफाई के लिए ग्राम पंचायत अधिकारी से कही जाती है तो “सफाई मै करने जाऊंगा क्या! सफाई कराना मेरी जिम्मेदारी नहीं है”
“ग्राम पंचायत द्वारा गन्दे पानी की निकासी, नाला निर्माण कार्य के लिए 10 लाख रुपए की स्वीकृति निकाली गई, लेकिन स्थानीय खेत मालिकों द्वारा नाला निर्माण कार्य नहीं करने दे रहे इसको लेकर स्थानीय लोगों से समझाईस भी की,आगे उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर पुलिस प्रशासन की मदद से नाले का निर्माण कार्य करवाने का प्रयास करेंगे।” कुराड विकास अधिकारी प्रियंका नागर